रूद्र का शरारती स्वभाव और माँ बाप की परेशानी

अटेंशन डेफिसिट हाईपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD)



रूद्र 6 साल का कक्षा एक का बहुत ही सुंदर विद्यार्थी है और अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। पिछले एक साल से उसकी स्कूल से उसके बारे में बहुत सी शिकायतें आ रही हैं। उसकी मैडम के अनुसार रूद्र अपनी कक्षा में 10 मिनट से ज्यादा अपनी जगह पर टिक कर नहीं बैठता। वह बीच क्लास में ही अपनी जगह से उठ खड़ा होता है और पास बैठे बच्चों से छेड़खानी शुरू कर देता है। उसका ध्यान पढाई में बिल्कुल भी नहीं लगता। वह कक्षा में ध्यान लगा कर किताब को नहीं पढता; बल्कि उसका ध्यान ईधर-उधर भटकता रहता है। कभी वह पेज पलट कर देखता है, तो कभी पेंसिल-रबर उठाता है। स्कूल में कई बार तो उसने अपने साथ पढने वाले बच्चों से मारपीट भी की। क्लास टीचर के अनुसार वह बहुत शरारती है, किसी की बात ध्यान से नहीं सुनता, हमेशा कुछ न कुछ छेड़-छाड़ करता रहता है और कभी भी टिक कर नहीं बैठता।

रूद्र के माता-पिता ने गौर किया तो उन्हें भी लगा कि लगभग यही हाल उसका घर में भी है और इसी कारण उसके परीक्षा में नम्बर भी कम आ रहे हैं। पहले तो उन्हें लगा कि रूद्र एक शैतान बच्चा है किंतु तकलीफ बढ़ने पर वो उसे बच्चों के डाॅक्टर के पास ले गए। बच्चों के डाॅक्टर ने उन्हें रूद्र को मनोचिकित्सक के सलाह लेने हेतु भेजा दिया। मनोचिकित्सक ने उसके व्यवहार को देखते ही स्थिति को समझ लिया। उसके माता-पिता को मनोचिकित्सक ने ए डी एच डी नामक मनोरोग के बारे में विस्तार से बताया। एक बार तो उसके माता-पिता चिंतित हो उठे पर मनोचिकित्सक ने बताया कि यह बीमारी दवा और व्यवहार चिकित्सा से ठीक हो सकती है।

रूद्र की दवा शुरू की गई और एक ही महीने में उसकी शैतानियों व व्यहवार में काफी कमी आ गई। वह कक्षा में ध्यान लगा कर पढ़ने लगा और परीक्षा में भी अच्छे अंको से उत्तीर्ण हुआ।

साथियों हमारे समाज में रूद्र जैसे कई सारे बच्चे हैं जिन्हें अत्यधिक शैतान समझकर मारा-पीटा जाता है, जबकि वे किसी न किसी प्रकार के मनोरोग से ग्रसित हो सकते हैं। जरूरत है तो समाज को बच्चों के असामान्य व्यवहार को तुरंत समझ कर मनोचिकित्सक से मिलने की। बेवजह चिंतिति होने की बजाय अगर समय पर मनोचिकित्सक से परामर्श लिया जाए तो नन्हें-मुन्ने बच्चों का जीवन खुशहाल बनाया जा सकता है। वैसे भी हमारी दुनिया की मासूमियत भी तो आखिर बच्चों ही से है।

धन्यवाद।


आपका अपना
डाॅ. अनन्त कुमार राठी
सहायक आचार्य,
मानसिक रोग विभाग,
पी. बी. एम. अस्पताल, बीकानेर

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