अफीम की मनुहार
दिन ढलते ढलते वह काम के बोझ से बुरी तरह थक जाता और उसका बदन टूटने लगता। उसने एक दिन देखा कि बैठक में आए उसके ताऊ जी सभी को कुछ काला-काला सा तरल पदार्थ हथेली में देकर पीने के लिए मनुहार कर रहे हैं। कुछ लोगों ने तो उसे पिया और कुछ लोगों ने मना कर दिया। उसे यह माजरा समझ नहीं आया, क्यूंकि उसने आज से पहले कभी उस चीज को अपने घर में नहीं देखा था। उसने अपने चाचा से पूछा तो पता चला कि यह अफीम है, जिसे गाँव की आम बोलचाल की भाषा में अमल या दूध कहते हैं। यह है तो एक नशे की वस्तु किंतु हमारे समाज में इसे प्रतिष्ठा से जोड़ा जाता है। किस व्यक्ति ने, किस अवसर पर, कितने रूपये कि अफीम घोल कर पिलाई? यह गाँव में प्रतिष्ठा का विषय माना जाता था। इतना सुनते ही उसने अपने चाचा से पूछा कि इसके सेवन से ऐसा क्या होता है और इसे प्रतिष्ठा से क्यूं जोडा जाता है? चाचा ने बताया कि इसे लेने से शरीर के सारे दर्द दूर हो जाते हैं परन्तु यह बहुत महंगी होती है। महंगी होने के कारन इसे प्रतिष्ठा से जोड़ा जाता है। वैसे आजकल इसका उपयोग भारत सरकार के अनुसार गैर कानूनी है।
इतना सुनते ही जितेन्द्र ने तुरंत मोबाइल निकाला और अफीम से संबंधित सारी जानकारी पढ़ ली। उसे एहसास हुआ कि यह तो बहुत खराब नशा है, जिसकी एक बार लत लग जाए तो छोड़ते समय बहुत ज्यादा कष्ट होते हैं जैसे बदन दर्द, दस्त लगना, नींद न आना, आँख और नाक से पानी आना इत्यादी और व्यक्ति मजबूर होकर फिर अफीम लेना शुरू कर देता है। उसे यह भी पता चला कि अफीम की कैसे तस्करी होती है और पकड़े जाने पर एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 10 वर्ष तक की जेल भी हो सकती है। वह तुरंत उठा और अपने पिता के पास जाकर उसने यह सारी जानकारी उन्हें दी। उसके पिता ने भी उसे बताया कि वह तो नहीं चाहते थे कि अफीम पिलाए, लेकिन समाज क्या कहेगा यही सोचकर उन्होेनें मंगवा ली थी।
जितेन्द्र ने भरी बैठक में सभी को अफीम के दुष्प्रभावों और कानून के बारे में बताया और सभी को इसका सेवन न करने की सलाह दी। उसने यह भी बताया कि मनोचिकित्सक एवं नशा मुक्ति विशेषज्ञ की मदद से इसे आराम से छोड़ा जा सकता है।
बैठक में आए सभी लोगों ने एक मत होकर आगे से किसी भी सामाजिक कार्य में अफीम का इस्तेमाल न करने का प्रण लिया। इस प्रकार जितेन्द्र की समझदारी से एक गाँव के कई लोग इस घातक रिवाज और अफीम के दुष्प्रभाव से बचे।
दोस्तों हमारे आस-पास के गाँवों में आज भी यह प्रथा काफी प्रचलित है, जिसमें लाखों रूपये कर्ज लेकर भी अफीम पिलाई जाती है। जरूरत है कि हम यह समझे की अफीम सिर्फ एक नशे की वस्तु है और इसका इस्तेमाल गैर कानूनी है।
धन्यवाद
आपका अपना
डाॅ. अनंत कुमार राठी
एम.डी. (मनोचिकित्सक)
एक्स रे गली, गुरुद्वारे के पास, शार्दुल कॉलोनी, बीकानेर
+91 75977 41210
Hi
ReplyDeleteHello sir humko afim chhodni h
ReplyDelete9694217618 humko afim chodni h sir
ReplyDeleteमुझे अफीम डोडा सीरप छोड़ना है,
ReplyDeletebupronorphine likhkr de skte hai आप??